Babu, Sandra and Sreeram, Miriam Paul and Sreenath, K R and Joshi, K K (2020) क्रिप्टोबेन्तिक रीफ मछलियाँ. In: मत्स्यगंधा : भा कृ अनु प - केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान की अर्थ वार्षिक राजभाषा गृह पत्रिका Matsyagandha. ICAR-Central Marine Fisheries Research Institute, Kochi, pp. 20-23.
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Abstract
प्रवाल भित्ति याँ ऑडोवि शन कल्प में वि कसि त हुईं और 450 मि लियन वर्ष के इतिह ास में मछलियों को प्रवाल भित्ति यों के साथ जुड़कर पाया गया। प्रवाल भित्ति यों में पाए जानेवाले मछली समुदाय विवि ध है जि नमें से कु छ सबस्ट्रेट अधिमान दि खाते हैं और कु छ वि शेष नि वास स्थल में वास करते हैं। क्रिप्टोबेन्तिक रीफ मछलियाँ (सी आर एफ) 50 मि .मी. की लंबाई से कम हैं और दृष्टि गत और व्यावहारिक रूप से अप्रकट हैं। ये रीफ आकार, रेत या प्रवालों के पास मलबे में छि पकर पायी जाती हैं। क्रिप्टो शब्द का अर्थ दरार एवं नि तलस्थ क्षेत्रों में छि पकर रहनेवाली छोटी मछलियाँ हैं जो समुद्र तल के भीतर या पास वास करती हैं। सभी रीफ मछलियों का 50% इनका हिस्सा है। ये सामान्यतः छद्मावरण से छि पकर रहती हैं या कु छ विवि ध चमकीले रंग का प्रदर्शन करती हैं और उनके शरीर में धारियाँ या चित्ति याँ होती हैं।
Item Type: | Book Section |
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Subjects: | Marine Ecosystems > Coral Reefs Marine Biodiversity |
Divisions: | CMFRI-Kochi > Biodiversity Subject Area > CMFRI > CMFRI-Kochi > Biodiversity CMFRI-Kochi > Biodiversity Subject Area > CMFRI-Kochi > Biodiversity CMFRI-Kochi > Hindi Cell Subject Area > CMFRI > CMFRI-Kochi > Hindi Cell CMFRI-Kochi > Hindi Cell Subject Area > CMFRI-Kochi > Hindi Cell |
Depositing User: | Mr. Prashanth P K |
Date Deposited: | 09 Apr 2021 09:24 |
Last Modified: | 08 Apr 2022 08:33 |
URI: | http://eprints.cmfri.org.in/id/eprint/15074 |
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