Das, Madhumita and Dash, Biswajit (2021) सोडियम कार्बनेट, कच्चे और संसाधित गोबर खाद के उपयोग से मीठा पानी मछली तालाब के रिसाव का नियंत्रण. मत्स्यगंधा : भा कृ अनु प - केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान की अर्थ वार्षिक राजभाषा गृह पत्रिका Matsyagandha, 9. pp. 21-23.
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Abstract
जल जीव पालन में पानी की आवश्यकता पालन स्थान और पालन प्रक्रिया के अनुसार बदलती है, लेकिन इसके परिरक्षण से उत्पादन लागत कम होती है और मछली उत्पादन की प्रदूषण क्षमता कम हो जाती है। तालाब के निर्माण के लिए स्थलाकृति, जल निकासी प्रणाली और उपयुक्त मिट्टी का चयन सबसे महत्वपूर्ण मानदंड हैं। खराब स्थान चयन और दोषपूर्ण तालाब निर्माण से रिसाव द्वारा अधिक पानी का नष्ट होता है और जलजीव पालन के लिए उचित नहीं है। यह दिखाया गया है कि नए बनाए गए तालाबों में प्रारंभिक मिट्टी की स्थिति कभी-कभी पर्याप्त नहीं होती है और जलजीव पालन द्वारा द्वारा बढ़ गई मांगों के कारण तालाब की मिट्टी की स्थिति घट जा सकती है। उच्च अक्षांशों, रेगिस्तानी तालाबों, मौसमी तालाबों और उष्णकटिबंधीय भारत के नियमित पालन तालाबों जैसे विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में मीठा पानी मछली पालन का विस्तार कराने हेतु, मिट्टी की स्थिति में न्यूनतम गिरावट की अन्य योजनाओं की अपेक्षा मिट्टी की स्थिति में सुधार लाने लायक कुछ बेहतर उपचार विधियॉं उपलब्ध हैं।
Item Type: | Article |
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Subjects: | CMFRI |
Divisions: | CMFRI-Puri FC |
Depositing User: | Arun Surendran |
Date Deposited: | 02 Jun 2022 10:38 |
Last Modified: | 02 Jun 2022 10:38 |
URI: | http://eprints.cmfri.org.in/id/eprint/15965 |
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