Edward, Loveson and Megarajan, Sekhar and Ranjan, Ritesh and Xavier, Biji and Suresh Kumar, P and Ghosh, Shubhadeep (2021) आंध्र प्रदेश में समुद्री शैवाल पैदावार का विकास, इसकी क्या आवश्यकता है? मत्स्यगंधा : भा कृ अनु प - केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान की अर्थ वार्षिक राजभाषा गृह पत्रिका Matsyagandha, 9. pp. 17-20.
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Abstract
आंध्र प्रदेश की लंबी तट रेखा समुद्री शैवाल पैदावार के लिए अनुकूल है; फिर भी राज्य में अभी तक व्यापक तौर पर समुद्री शैवालों का वाणिज्यिक पैदावार सफल रूप से नहीं हुआ है। इस तट पर समुद्री शैवालों के सफलतापूर्वक पैदावार के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा विभिन्न कार्य प्रणालियों से कई तरह के प्रयास किए गए हैं। फिर भी, कुछ प्रयास सफल निकले और प्रक्षुब्ध समुद्री स्थितियों, लवणता में उतार-चढ़ाव, कम वृद्धि आदि जैसे कारणों से कुछ प्रयास विफल हुए। वर्तमान परिवेश में भारत सरकार द्वारा पैन-इंडिया के आधार पर समुद्री शैवाल के पैदावार के लिए उपलब्ध कराए गए महत्व के साथ, समुद्री संवर्धन में विकास और लघु पैमाने के मछुआरों के आर्थिक उन्नयन हेतु, इसे एक वाणिज्यिक उद्यम तक ले जाना आवश्यक है। विशाखपट्टणम क्षेत्रीय केंद्र ने समुद्री शैवाल के पैदावार से जुड़ी हुई विभिन्न समस्याओं और इनसे उबरने के संभावित समाधानों पर विचार करने के लिए एक बुद्धिशीलता सत्र का आयोजन किया है। वर्तमान अध्ययन में समुद्री शैवाल पैदावार से संबंधित पिछले कदमों, इनसे जुड़ी हुई समस्याओं, बुद्धिशीलता सत्र के सिफारिशों, भविष्य की कार्रवाइयों और सी एम एफ आर आइ द्वारा किए गए परीक्षणों के परिणामों पर चर्चा की जाती है।
Item Type: | Article |
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Subjects: | CMFRI |
Divisions: | CMFRI-Visakhapatnam CMFRI-Kochi > Mariculture Division Subject Area > CMFRI > CMFRI-Kochi > Mariculture Division CMFRI-Kochi > Mariculture Division Subject Area > CMFRI-Kochi > Mariculture Division |
Depositing User: | Arun Surendran |
Date Deposited: | 02 Jun 2022 10:41 |
Last Modified: | 02 Jun 2022 10:41 |
URI: | http://eprints.cmfri.org.in/id/eprint/15964 |
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