Augustina, Treesa X and Sreeram, Miriam Paul and Joshi, K K (2020) भारत के गहरा सागर पख मछली प्राणिजात. In: मत्स्यगंधा : : भा कृ अनु प - केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान की अर्थ वार्षिक राजभाषा गृह पत्रिका. ICAR-Central Marine Fisheries Research Institute, Kochi, pp. 18-21.
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Abstract
गहरा सागर, पृथ्वी पर समुद्र का 53% क्षेत्र सहित सबसे बड़ा आवास है। उथले क्षेत्र की तुलना में यह दूरस्थ क्षेत्र अधि क दबाव के कारण मुख्य रूप से ठंठ, सूर्य प्रकाश की कमी और कम उत्पादकता से युक्त है। इस क्षेत्र में बसने वाले प्राणि जातों ने वि परीत पर्यावरण परिस्थिति यों का सामना करने के लिए अतिविश िष्ट अनुकूलन वि कसि त कि या है। गहरे समुद्र की मछलियाँ 200 मी. से अधि क गहराई में रहने वाली प्रजाति यां हैं और गहराई के आधार पर इन्हें मि सोपेलाजि क, बाति पेलाजि क एवं बेंतोपेलाजि क श्रेणि यों में वर्गी कृत कि या जा सकता है। धीमी वृद्धि, देरी से यौन परिपक्वता, लंबा जीवनकाल एवं कम संतति यों का उत्पादन गहरे समुद्र मछली प्रजाति यों की विश ेषताएं हैं।
Item Type: | Book Section |
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Subjects: | Marine Biodiversity |
Divisions: | CMFRI-Kochi > Biodiversity Subject Area > CMFRI > CMFRI-Kochi > Biodiversity CMFRI-Kochi > Biodiversity Subject Area > CMFRI-Kochi > Biodiversity CMFRI-Kochi > Hindi Cell Subject Area > CMFRI > CMFRI-Kochi > Hindi Cell CMFRI-Kochi > Hindi Cell Subject Area > CMFRI-Kochi > Hindi Cell |
Depositing User: | Mr. Prashanth P K |
Date Deposited: | 08 Apr 2021 07:09 |
Last Modified: | 08 Apr 2021 07:21 |
URI: | http://eprints.cmfri.org.in/id/eprint/15064 |
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